कासगंज। यूपी के कासगंज कोतवाली क्षेत्र में गोरहा नहर के रेखपुर माइनर में देर शाम नग्न हालत में एक महिला की लाश की सूचना मिलने से हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर एसपी, एएसपी सहित अन्य पुलिस अधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज जांच शुरू कर दी।
पोस्टमार्टम हाउस में महिला के शव की शिनाख्त अधिवक्ता मोहिनी के रूप में उनके पति ने की। घटना आग की तरह फ़ैल गयी सभी अधिवक्ता पोस्टमार्टम हाउस में इकट्ठा हो गए और आरोपियों गिरफ्तार करने की मांग करते हुए। मृतका को न्याय दिलाने की बात कही है।
आपको बता दें कि बुधवार की देर शाम किसी ग्रामीण ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी कि गोरहा नहर के रेखपुर माइनर में एक निर्वस्त्र महिला का शव पड़ा है। सूचना मिलने के बाद घटना स्थल पर पुलिस पहुंच गई। पुलिस को संदेह था कि कहीं यह शव मंगलवार से लापता हुई महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर का न हो, इस आशंका को भाँपते हुए पुलिस के आला अधिकारियों को यह जानकारी दी। जानकारी मिलते ही एसपी एस अपर्णा रजत कौशिक, अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार भारती, सीओ सिटी विजय कुमार राणा, सीओ सहावर शाहिदा नसरीन सहित पुलिस बल मौके पर पहुंच गया।
वहीं महिला का शव मिलने की जानकारी मिलते ही भारी संख्या में अधिवक्ता भी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद कड़ी मशक्कत के बाद महिला के शव को बाहर निकाला गया। यहां से शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया। जानकारी मिलने पर महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर के पति बृजतेंद्र तोमर भी पोस्टमार्टम गृह पहुंच गए। चूंकि शव का चेहरा बुरी तरह जख़्मी था जिससे पता चलता था कि चेहरे को किसी भारी वस्तु से कुछ गया हो। था तो उन्होंने लाश की शिनाख्त हाथ पर कट का निशान और हाथ में पहने कड़े के आधार पर मोहिनी तोमर के रूप में की। उन्होंने स्वीकार किया कि यह शव उनकी पत्नी मोहिनी तोमर का ही है। यह कहते हुए वहां फफक पड़े।
अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार भारती ने बताया कि माइनर में फंसा महिला का शव अधिवक्ता मोहिनी तोमर का है। उनके पति ने शव की शिनाख्त की है। महिला अधिवक्ता मंगलवार की दोपहर से लापता थीं। इनकी गुमशुदगी भी कोतवाली में दर्ज की गई थी। मामले की जांच करने के लिए टीमों का गठन कर दिया गया है। जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा। ऐसा पुलिस अधीक्षक ने कहा है। अब देखने वाली बात ये है कि इस तरह बेरहमी से हत्या कर देना पुलिस प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। सवाल ये भी है कि क्या मृतका मोहिनी को न्याय मिल पायेगा या नहीं ये अपने आप में एक बड़ा सवाल है।