बुढ़वा मंगल बड़े धूमधाम से मनाया जाने वाला एक पारंपरिक त्यौहार है। यह त्यौहार विशेष रूप से हनुमान जी को समर्पित होता है और भाद्रपद माह (अगस्त-सितंबर) के अंतिम मंगलवार को मनाया जाता है। इसे “बुढ़वा मंगल” इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे “बड़े मंगलवार” या “पुराने मंगलवार” के रूप में जाना जाता है, जो कि बारिश के मौसम के अंत का प्रतीक है।
इस दिन हनुमान मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। भक्तगण हनुमान जी को प्रसाद चढ़ाते हैं जिसमें विशेष रूप से लड्डू, मालाएं और सिंदूर (हनुमान जी को प्रिय) चढ़ाया जाता है। भक्ति गीत गाए जाते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ भी किया जाता है। कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं और हनुमान जी से शक्ति और स्वास्थ्य की प्रार्थना करते हैं।
बुढ़वा मंगल मुख्य रूप से लोक पर्व है और इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व क्षेत्रीय तौर पर बहुत गहरा है।