सलोनी तिवारी : प्रयागराज: संगम से 800 मीटर दूर बंधवा स्थित लेटे हनुमान जी के 11 दिन जलशयन के बाद भक्तों के लिए पट खुलेंगे। इससे श्रद्धालुओं में अपार उत्साहित है। गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से हनुमान जी जलशयन को चले गए थे। ये आस्था का संगम ही है जहां नदी का जलस्तर बढ़ने पर लोगों में खुशी होती है। बाघंबरी मठ के महंत बलबीर गिरि जी महाराज ने बताया कि मां गंगा के वापस जाने के बाद पंचार्मत से हनुमान जी का अभिषेक किया गया। उनकी आरती की गई।
प्रयागराज शहर के संगम तट स्थित श्री बड़े हनुमान जी मंदिर में विश्राम मुद्रा में प्रभु विराजमान हैं। मां गंगा हर साल लेटे हनुमान जी के पांव पखारने आती हैं। इस बार भी लगातार जलस्तर बढ़ा और हनुमान जी ने जलशयन किया। मंदिर में मां गंगा के वापस लौटने के बाद घंटा-घड़ियाल और शंखनाद की ध्वनि के बीच जयकारों की गूंज से पूरा प्रयागराज प्रफुल्लित हो उठा। बाघंबरी मठ के महंत बलबीर गिरि जी महाराज ने बताया कि मान्यता है कि मां गंगा द्वारा हनुमान जी को स्नान कराने के बाद प्रयागराज में खुशियां आती है। शुभ कार्य निर्विघ्न सफल हो जाते हैं। जिस वर्ष मां गंगा हनुमान जी को स्नान नहीं कराती है उस वर्ष उस क्षेत्र में सूखा की स्थिति उत्पन्न होती है एवं शुभ कार्य में बाधा पड़ने लगते हैं। जिसे लोग हनुमान जी की शक्ति एवं मां गंगा की कृपा मानते हैं। लेटे हनुमान मंदिर में जैसे ही गंगा का पानी वापस लौटा तो प्रभु हनुमान जी की विधिवत पूजा-अर्चना की गई। ग्यारह दिन जलशायन के बाद मंगलवार सुबह चार बजे आरती के पश्चात् दर्शन के लिये मंदिर के कपाट भक्तों के लिये खुल जाएंगे।
Pic & Information Source By Social Media Page Shri Bade Hanuman Ji Mandir