सलोनी तिवारी : प्रयागराज: कुम्भ मेला धार्मिक-आध्यात्मिक अनुष्ठानों का एक भव्य आयोजन है, जिसमें संगम-स्नान उन सभी अनुष्ठानों में सबसे महत्त्वपूर्ण है। त्रिवेणी संगम पर, लाखों तीर्थयात्री इस पवित्र कार्य में भाग लेने के लिए एक साथ आते हैं। उनको यह दृढ़ विश्वास है कि संगम के पवित्र जल में स्नान करने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है तथा अपने साथ अपने पूर्वजों को पुनर्जन्म के चक्र से छुटकारा दिलाकर अंततः मोक्ष, या आध्यात्मिक मुक्ति प्राप्त कर सकता है। कुम्भ मेला, मकर संक्रांति (जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है) के शुभ अवसर अथवा पौष पूर्णिमा से प्रारम्भ होता है। कुम्भ मेला की सम्पूर्ण अवधि के दौरान पवित्र जल में स्नान करना पवित्र माना जाता है, किन्तु कुछ विशिष्ट तिथियाँ हैं, जो विशेष महत्त्व रखती हैं। इन तिथियों पर विभिन्न अखाड़ों के संत अपने शिष्यों के साथ भव्य जुलूस निकालते है। वे एक भव्य अनुष्ठान में भाग लेते हैं, जिसे ‘शाही स्नान’ भी कहा जाता है, जो कुम्भ मेले के शुभारम्भ का प्रतीक है।
प्रयागराज महाकुम्भ 2025 के स्नान की तिथियाँ
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पौष पूर्णिमा13जनवरी2025
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मकर संक्रांति14जनवरी2025
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मौनी अमावस्या29जनवरी2025
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वसन्त पञ्चमी03फरवरी2025
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माघी पूर्णिमा12फरवरी2025
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महा शिवरात्रि26फरवरी2025