सलोनी तिवारी: प्रयागराज: महाकुंभ 2025 के शुभारंभ से पहले, धार्मिक आस्था और शौर्य का अद्भुत संगम बुधवार, 8 जनवरी को देखने को मिला। वैष्णो संप्रदाय के तीन प्रमुख अखाड़ों—श्री पंच निर्मोही अखाड़ा, श्री दिगंबर अनी अखाड़ा, और श्री निर्वाणी अनी अखाड़ा—की भव्य नगर प्रवेश यात्रा ने प्रयागराज की सड़कों पर एक नई ऊर्जा का संचार किया। इन तीनों अखाड़ों के संतों के साथ धर्म ध्वजा थी, जिस पर अखाड़े के इष्टदेव हनुमानजी की मूर्ति विराजमान है. ये प्रतीक अखाड़ों की भव्यता और उनकी धार्मिक शक्ति को दर्शाता है इस नगर प्रवेश यात्रा में 10,000 से अधिक साधु-संतों ने भाग लिया और श्री राम तथा श्री कृष्ण के जयकारों से वातावरण गूंजायमान कर दिया। नगर प्रवेश यात्रा के दौरान साधु-संतों ने हाथी और घोड़े पर सवार होकर शस्त्र-शास्त्र का शानदार प्रदर्शन किया। आकर्षण का मुख्य केंद्र तलवारबाजी का अद्भुत प्रदर्शन रहा, जिसमें साधु तलवारों के साथ भक्ति गीत गाते हुए अपनी कौशलता का परिचय देते नजर आए। यह आयोजन वैष्णो संप्रदाय की एकता और महत्ता को प्रदर्शित करने वाला था। इस नगर प्रवेश ने न केवल धार्मिक आस्था, बल्कि सन्यासियों के अद्वितीय शौर्य और शस्त्र-कौशल को भी उजागर किया। श्रद्धालुओं ने इस आयोजन में भारी संख्या में भाग लिया और इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बने।