सलोनी तिवारी: प्रयागराज महाकुंभ 2025 में इस बार एक अद्भुत और श्रद्धापूर्ण दृश्य देखने को मिल रहा है। उज्जैन से आए महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी जी महाराज, जो निरंजनी अखाड़ा के प्रतिष्ठित संत हैं, यहां पहुंचे और एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने हनुमान जी के विशेष स्वरूप, जिन्हें “अर्जी वाले हनुमान जी” के नाम से जाना जाता है, के बारे में बताया। स्वामी जी के अनुसार, अर्जी वाले हनुमान जी का यह स्वरूप भक्तों के कष्ट दूर करने और उनकी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए प्रसिद्ध है। भक्तगण अपनी प्रार्थनाएं और इच्छाएं उनके चरणों में अर्जी के रूप में प्रस्तुत करते हैं। यह परंपरा उज्जैन से शुरू हुई और अब महाकुंभ के इस पवित्र अवसर पर भी यह मान्यता श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। उज्जैन के हनुमान मंदिर से महाकुंभ तक की यात्रा: महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी जी ने बताया कि उज्जैन में स्थापित इस स्वरूप के हनुमान जी के मंदिर में श्रद्धालु अपनी अर्जी लगाते हैं। इस मंदिर की यह परंपरा इतनी लोकप्रिय है कि वहां दूर-दूर से भक्त आते हैं। निरंजनी अखाड़ा की विशेष भूमिका: निरंजनी अखाड़ा, जो कि साधु-संतों के प्राचीनतम अखाड़ों में से एक है, ने इस बार प्रयागराज महाकुंभ में भक्तों के बीच हनुमान जी के इस स्वरूप की महिमा को फैलाने का कार्य किया है। श्रद्धालुओं के लिए संदेश स्वामी प्रेमानंद पुरी जी ने कहा, “हनुमान जी के पास सभी की अर्जी स्वीकार होती है, चाहे वह कितनी भी बड़ी या छोटी हो। उनकी कृपा से हर भक्त का कल्याण होता है। यह हमारी आस्था और विश्वास का प्रतीक है।
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