नवदीप चतुर्वेदी: बांदा में राम जन्मभूमि अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा की वर्षगांठ को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा गया। जैसा कि आपने बताया, यह वर्षगांठ हिंदू तिथि के अनुसार 11 जनवरी को पौष शुक्ल पक्ष द्वादशी के दिन मनाई गई थी, जिसे कूर्म द्वादशी भी कहा जाता है। उस दिन अयोध्या और अन्य स्थानों पर बड़े आयोजन और धार्मिक कार्यक्रम हुए थे।हालांकि, आंग्ल कैलेंडर के अनुसार 22 जनवरी को भी इस शुभ दिन की याद में उत्सव मनाया गया। विभिन्न स्थानों पर अखंड रामायण का पाठ, भंडारे और अन्य धार्मिक आयोजन हुए। यह हमारे समाज की एक खूबसूरत विशेषता है कि हम दोनों तिथियों को महत्व देते हैं और उत्साहपूर्वक आयोजन करते हैं। इससे हमारी संस्कृति और परंपरा की झलक साफ दिखाई देती है।
Information by Devesh Tiwari