सलोनी तिवारी: हनुमान जन्मोत्सव का पर्व हर वर्ष चैत्र पूर्णिमा को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दिन भक्त भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना कर उनके बल, भक्ति और सेवा के गुणों से प्रेरणा लेते हैं। हनुमान जी को राम भक्त, संकटमोचक और अमोघ शक्ति के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।
कब है हनुमान जन्मोत्सव 2025?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष चैत्र पूर्णिमा तिथि का आरंभ 12 अप्रैल को सुबह 3:21 बजे से होगा और इसका समापन 13 अप्रैल को सुबह 5:51 बजे पर होगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, उदया तिथि को अधिक महत्व दिया जाता है, इसलिए हनुमान जन्मोत्सव 12 अप्रैल 2025, शुक्रवार को मनाया जाएगा।
हनुमान जन्मोत्सव का महत्व
भगवान हनुमान को भगवान राम का परम भक्त माना जाता है। यह दिन भक्ति, शक्ति और निस्वार्थ सेवा का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से हनुमान जी की आराधना करने से जीवन के समस्त कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
हनुमान जन्मोत्सव 2025 की पूजा विधि
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प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
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पूजा स्थल पर हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
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गंगाजल से स्नान कराकर उन्हें सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।
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फूल, फल और गुड़-चने अथवा लड्डू का भोग लगाएं।
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हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और हनुमान अष्टक का पाठ करें।
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श्रद्धा और भक्ति से आरती करें।
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दिनभर व्रत रखकर सेवा-भाव से दिन बिताएं।
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अखंड रामायण का पाठ करना इस दिन विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।
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अंत में पूजा में हुई किसी भी त्रुटि के लिए क्षमा याचना करें।
विशेष आयोजन
देशभर के हनुमान मंदिरों में इस दिन विशेष झांकियां, भजन-कीर्तन, हवन, और भंडारों का आयोजन किया जाता है। भक्तों की लंबी कतारें मंदिरों में उमड़ती हैं, और पूरा वातावरण ‘जय श्री राम’ और ‘बजरंगबली की जय’ के जयघोष से गूंज उठता है।