यह अनुष्ठान होली के त्योहार से पहले दिन होता है। इस दिन, लोग बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने के लिए एक अलाव जलाते हैं। यह परंपरा फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि (पूर्णिमा की रात) पर की जाती है। होलिका दहन (Holika Dahan 2022) इस बार 17 मार्च को मनाया जाएगा और होली 18 मार्च को मनाई जाएगी। होली से 8 दिन पहले यानि 10 मार्च से होलाष्टक लग चुके हैं। होलाष्टक के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि
17 मार्च दिन गुरुवार 01:29 pm से 18 मार्च दिन शुक्रवार 12:47 pm
होलिका पूजन का शुभ मुहूर्त-
गुरुवार को राहु काल – 2 pm – 3.30 pm तक रहेगा
इसके अलावा भद्रा 1:29 pm से आरम्भ होगी, जो रात में 1:12 am तक रहेगी।
इसी कारण आप होलिका पूजन गुरुवार 17 Mar को
1:29 pm से पहले कर लें।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
होलिका दहन 17 मार्च, गुरुवार के दिन किया जाएगा।
पंचांग के अनुसार होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त रात 9 बजकर 03 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। ऐसा भद्रा के भूलोक में होने की वजह से होगा।
होलिका दहन के लिए कुल 1 घंटा 28 मिनट का समय मिलेगा.
कैसे करें होलिका पूजा-
1. होलिका दहन से इसके लिए शौच आदि से निवृत होकर स्नान करे लें।
2. इसके बाद होलिका वाले स्थान पर पूरब या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाएं। फिर पूजन करें।
3. पूजन सामग्री के लिए फूलों की माला, रोली, गंध, पुष्प, कच्चा सूत, गुड़, बताशे, गुलाल, नारियल, नई गेहूं, गोबर के बड़कुल्ले,अन्य फसलों की बालियां और साथ में एक लोटा जल आदि से पूजन कर लें।
4. होलिका पर पूजन के साथ आप बड़ी-फूलौरी, मीठे पकवान, मिठाईयां, फल आदि भी अर्पित कर सकते हैं।
5. आज भगवान नरसिंह की भी पूजा करनी चाहिये।
6. सबसे अंत में होलिका के चारों ओर सात परिक्रमा करें।
आज के दिन क्या करें-
1. एक घी का दीपक जलाएं और इसे अपने घर के उत्तरी दिशा / कोने में रखें। यह शांति और समृद्धि को आकर्षित करता है।
2. हल्दी को अपने शरीर पर तिल के तेल में मिलाकर लगाएं। एक बार जब यह सूख जाए, तो इसे धीरे से रगड़ कर उतारें और इसे कागज के टुकड़े पर इकट्ठा करें। इस हलदी को होलिका की आग में जला दें।
3. होलिका की पवित्र अग्नि में एक सूखा नारियल, मुट्ठी भर सरसों के दाने , तिल, 5 या 11 सूखे गोबर के उपले, अक्षत, शक्कर, साबुत गेहूं के दाने चढ़ाएं। ऐसा करने से बुरी नजर से बचाव होता है।
4. होलिका की परिक्रमा करते समय होलिका को जल अर्पित करें। और ऐसा करते समय अपने और अपने परिवार की सलामती की प्रार्थना करें।
होलिका दहन – क्या न करें
1. किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा दिया गया पानी या भोजन न लें। 2. महिलाएं होलिका दहन की शाम या पूजा करते समय अपने बालों को खुला न छोड़ें।
3. आज के दिन पैसे या अपने किसी भी निजी सामान को किसी को उधार न दें। ऐसा करके आप नकारात्मकता को आमंत्रित करेंगे।
4. होलिका दहन पूजा करते समय पीले रंग के कपड़े न पहनें। 5. आज के दिन जहां कई सड़कें हैं ऐसे जंक्शन को पार न करें। चौराहे से बचकर चलें।
होलिका दहन के अगले दिन धुलण्डी यानी कि रंगों वाली होली का त्योहार मनाया जाएगा। इस वर्ष शुक्रवार 18 मार्च को धूमधाम से होली खेली जाएगी. होली के त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन अलग अलग रंगों से हर कोई जाति धर्म भूलकर रंगों को खेलते हैं जो भारत में सौहाद्र का प्रतीक है।
सुरक्षित रहें, स्वस्थ रहें, मस्त रहें
आचार्य काजल अग्रवाल 🙏